मुर्मू ने ICAI के तहत नैतिक प्रथाओं कोकिया लागू ,सीए व्यवसाय में प्रमाणिकता की बहुत आवश्यकता

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेट (आईसीएआई) को न केवल समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए बल्कि इस व्यवसाय में सही और नैतिक प्रथाओं को लागू करने के लिए तकनीकी नवाचारों को उत्साहपूर्वक अपनाने का प्रयास करने की सलाह देते हुये आज कहा कि सीए व्यवसाय में प्रमाणिकता की बहुज आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने संस्थान के 75वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को यहां संबोधित करते हुये कहा कि सीए के हस्ताक्षर और प्रमाणपत्रों को देखकर देश के छोटे-बड़े निवेशक अपने निवेश का निर्णय लेते हैं। गलत सत्यापन न सिर्फ लोगों के निवेश को डुबाता है बल्कि लाखों घरों के सपनों को तोड़ देता है। इसीलिये सीए व्यवसाय में प्रामाणिकता की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने यूडीआईएन के माध्यम से अपनी प्रमाणिकता बनाये रखने की शुरूआत की है।

उन्होंने कहा “आप सभी के साथ जुड़कर मुझे खुशी हो रही है। यह न केवल चार्टर्ड अकाउंटेट समुदाय के लिए बल्कि देश के संपूर्ण अकाउंटिंग एवं ऑडिटिंग पेशे के लिए एक विशेष दिन है। आज जब आईसीएआई का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, मैं स्पष्ट रूप से आप सबको व्यवसाय क्षेत्र के एक ऐसे मुकाम पर ले जाने की जरूरत है जिससे अर्थव्यवस्था और देश दोनों को लाभ हो सके।”उन्होंने कहा कि देश में इस समय लगभग 3.5 लाख से ज्यादा चार्टर्ड अकाउंटेट हैं। इस समय परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले चार्टर्ड अकाउंटेट में महिलाओं की संख्या लगभग 42 प्रतिशत है।

आईसीएआई को न केवल समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए बल्कि इस व्यवसाय में सही और नैतिक प्रथाओं को लागू करने के लिए तकनीकी नवाचारों को उत्साहपूर्वक अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जब देश जी-20 के अध्यक्ष के नाते विकसित और विकासशील देशों की मेजबानी कर रहा है, आईसीएआई को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सिद्धांतों और व्यवहार को अपनाना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि इस संस्थान से सदस्य अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करेंगे और सीए के व्यवसाय को आर्थिक गवर्नेेस के एक स्तंभ के रूप में देखा जाएगा। इस मौके पर संस्थान के अध्यक्ष अंकित सुनील तलाटी, उपाध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल और सचिव जय कुमार बत्रा भी मौजूद थे।

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