National Science Day 2023 : वैश्विक कल्याण के लिए विज्ञान जरूरी
National Science Day 2023: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 ‘वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान’ की थीम पर मनाया जाएगा. रमन प्रभाव की खोज की याद में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस दिन सी.वी. रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर पूरे देश में थीम आधारित विज्ञान संचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
क्या है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम?
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023 की थीम ‘वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान’ की घोषणा की। इस थीम का अर्थ है कि भारत 2023 में प्रवेश करने के साथ कई नई वैश्विक चुनौतियां का सामना कर रहा है और न सिर्फ भारत बल्कि हर देश कई चुनौतियों से गुज़र रहा है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए और विश्व के कलयाण के लिए विज्ञान के महत्व को उभारना बहुत ज़रूरी है।
G20 की अध्यक्षता के लिए है प्रभावी है थीम
केंद्रीय मंत्री डॉ. जीतेन्द्र सिंह ने थीम का अनावरण करते हुए कहा कि “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की ‘वैश्विक कलयाण के लिए वैश्विक विज्ञान’ थीम भारत के G20 की अध्यक्षता के लिए बिलकुल सही है जहां भारत वैश्विक दक्षिण के एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के विकासशील देशों के लिए आवाज़ बन सकता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत कब हुई?
दरअसल 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (National Council for Science and Technology) के द्वारा भारत सरकार से ये निवेदन किया गया था कि 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाए और सरकार ने इस आवेदन को स्वीकार कर लिया था। ये दिवस सर सीवी रमन की ‘रमन प्रभाव’ खोज के उपलक्ष में मनाया जाता है और इसके साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद है कि लोगों को विज्ञान के महत्व के बारे में अवगत कराया जाए एवं भारत के महान वैज्ञानिकों को याद किया जाए।
सर सी.वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान
नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने केंद्र सरकार से 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। यह न केवल सर सी.वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए किया गया था बल्कि अन्य वैज्ञानिकों को भी वैज्ञानिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए धन्यवाद। NSD के बाद नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन ने नेशनल साइंस पॉपुलराइजेशन अवार्ड्स के निर्माण की घोषणा की, जिसने विज्ञान और संचार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए व्यक्तियों को मान्यता दी।
पिछले 8 वर्षों में हुए कई बदलाव
देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र ने पिछले साढ़े 8 वर्षों में देश के लिए दूरगामी प्रभाव वाले कई नए ऐतिहासिक सुधारों की शुरुआत करके तेजी से प्रगति की है। विज्ञान पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ, भारत औद्योगीकरण और तकनीकी विकास में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। भारत की नई योजना, जिसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020 कहा जाता है, उसमें विज्ञान को अधिक प्रभावी ढंग से और विशेषज्ञों द्वारा संचालित करने की योजना है।