लोकतंत्र शर्मसार! प्रशासन की नाक के नीचे नामांकन में गुंडागर्दी, सरपंच प्रत्याशी से दबंगों ने छीना फॉर्म, प्रशासन मूकदर्शक, वीडियो वायरल, पढ़िए पूरी खबर

Shame on democracy! Hooliganism in nomination right under the nose of the administration, bullies snatched the form from the Sarpanch candidate, administration remained mute spectator, video viral, read full news

मुंगेली : छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के पथरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत खुटेरा में सरपंच पद के नामांकन के आखरी दिन भारी हंगामा और गुंडागर्दी देखने को मिली. सरपंच पद के प्रत्याशी रग्घू सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की गई और जबरन उनका फॉर्म छीनने की कोशिश की गई.
रग्घू सिंह ठाकुर ने बताया कि वह ग्राम सिलदहा से नामांकन फॉर्म लेकर आए थे. उसी दौरान दूसरे पक्ष के लोगों ने उनका पीछा करना शुरु कर दिया और नामांकन में बाधा डालने लगे. आरोप है कि विनोद सिंह, रिंकू सिंह और उनके समर्थकों ने उन्हें नामांकन भरने से रोकने के लिए जबरन दबाव डाला. इस दौरान हुई घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह उनका फॉर्म छीना जा रहा है और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया जा रहा है.
रग्घू सिंह ठाकुर के मुताबिक जब वह पथरिया पहुंचे तो वहां भी उन्हें परेशान किया गया. एडीएम कार्यालय के सामने उनकी गाड़ी से एक्सिडेंट होने का झूठा आरोप लगाकर पुलिस कार्रवाई की मांग की ग.ई ताकि वह कानूनी पचड़ों में उलझ जाए और नामांकन की समय सीमा (दोपहर 3 बजे) निकल जाए. इसके बावजूद जब वह अपनी पत्नी शैल ठाकुर (जो उनकी प्रस्तावक थीं) के साथ किसी तरह 2:15 बजे तक सिलदहा पहुंचे. तो उन्हें कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
दरवाजे जबरदस्ती बंद कर दिए गए और उन्हें खिड़की से नामांकन पत्र जमा करने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्होंने किसी तरह फॉर्म जमा किया. तो अधिकारी ने प्रस्तावक का नाम सही न होने का बहाना बनाकर उनका नामांकन निरस्त कर दिया.
रग्घू सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि उनके नामांकन को गलत तरीके से खारिज किया गया और अधिकारी ने उन्हें इसका कोई लिखित कारण भी नहीं दिया. उनका कहना है कि यह लोकतंत्र की हत्या है और उनके अधिकारों का हनन हुआ है. उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर और निर्वाचन आयोग से करने की बात कही है और उम्मीद जताई है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
इस घटना के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. वायरल वीडियो में भी साफ़ देखा जा सकता है कि किस तरह प्रत्याशी की पत्नी को जबरदस्ती रोका गया. यह मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है और क्षेत्र में चुनावी माहौल गरमा गया है.

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