यूपीआई से पेमेंट करने वालो के लिए जरुरी खबर, 1 फरवरी से ट्रांजेक्शन पर लगेगी रोक, नियम में किया गया बदलाव, जानिए डिटेल
Important news for those who make payments through UPI, transactions will be banned from February 1, rules have been changed, know the details

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम एक फरवरी 2025 से नया नियम लागू करेगा , जिसमे मे स्पेशल कैरेक्टर्स (@, #, $, %, & आदि) वाली यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी (UPI Transaction Id) को मान्य नहीं माना जाएगा. सिर्फ अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स (अक्षरों और अंकों) के जरिये बनी UPI Transaction Id से ही पेमेंट मंजूर किया जा सकेगा. इसका पालन नहीं करने वाले लोगों की आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा.
NPCI ने क्यों लिया यह फैसला?
यूपीआई अब भारत से लेकर विदेशों तक डिजिटल पेमेंट का अहम जरिया बन चुका है. ई-रिक्शा, किराना दुकान, मेट्रो स्टेशन से लेकर श्रीलंका, भूटान, यूएई, मॉरीशस और फ्रांस जैसे देशों में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में यह नया नियम यूपीआई ट्रांजेक्शन को ज्यादा सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए लागू किया जा रहा है.
क्या होगा अगर UPI Transaction ID में स्पेशल कैरेक्टर्स हैं?
अगर आपकी UPI Transaction ID में स्पेशल कैरेक्टर्स शामिल हैं,. तो 1 फरवरी के बाद आपका ट्रांजेक्शन ब्लॉक हो सकता है. NPCI ने सभी पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे अपनी सेवाओं को नए नियम के मुताबिक अपडेट करें.
NPCI ने पहले भी UPI यूजर्स से कहा था कि वे अल्फान्यूमेरिक आईडी का उपयोग करें. हालांकि अब इसे जरुरी कर दिया गया है और नियमों का पालन नहीं करने पर UPI Transaction ID ब्लॉक हो सकती है.
यूपीआई यूजर्स को क्या करना चाहिए?
अगर आपकी UPI Transaction ID में कोई स्पेशल कैरेक्टर हैं. तो जल्द से जल्द इसे बदल लें. अपने बैंक या पेमेंट ऐप से संपर्क कर नई अल्फान्यूमेरिक आईडी बनवाएं ताकि 1 फरवरी के बाद भी आपके यूपीआई ट्रांजेक्शन आईडी बिना किसी रुकावट के चलते रहें.
भारत के डिजिटल पेमेंट्स में UPI की हिस्सेदारी 83%
भारत के डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की हिस्सेदारी 2024 में बढ़कर 83% हो गई है. जो कि 2019 में 34 प्रतिशत थी. इस दौरान यूपीआई 74 प्रतिशत के चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट में बताया गया कि समीक्षा अवधि में अन्य पेमेंट सिस्टम्स जैसे आरटीजीएस, एनईएफटी, आईएमपीएस, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की हिस्सेदारी 66% से गिरकर 17% रह गई है.
रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई देश के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है. इसकी वजह यूपीआई का उपयोग में आसान होना है.