संवाददाता (शाहिद रजा)रायपुर:छत्त्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि आए दिन यहां मारपीट हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी ,लूट डकैती ,बलात्कार सहित विभिन्न प्रकार के अपराध आए दिन हो रहे हैं इसकी रोकथाम करने में और अपराध अंकुश और नियंत्रण करने में राज्य सरकार और पुलिस नाकाम होते जा रही हैं इसके कारण अपराधियों के हौसले और ज्यादा बुलंद हो गए हैं सोशल और आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं कुणाल शुक्ला के द्वारा आरटीआई लगाकर खुलासा हुआ है कि जनवरी 2024 से लेकर अक्टूबर 2024 तक 61 हत्याओं का मामला सामने आया है। इन आंकड़ों में नवंबर महीने की घटनाएं अभी शामिल नहीं हैं जिससे यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

रायपुर बन रहा “मर्डर कैपिटल. उन्होंने कहा कि रायपुर अब “मर्डर कैपिटल”के रूप में पहचाना जाने लगा है और छत्तीसगढ़ को लोग “अपराधगढ़”के नाम से बुलाने लगे हैं।
सवालों के घेरे में “सुशासन” का दावा
कुणाल शुक्ला ने कथित सुशासन पर तंज कसते हुए कहा, “ऐसा रामराज उन्हीं को मुबारक हो, जो इन्हें वोट देते हैं।” बढ़ते अपराधों ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और लोगों में असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है
जनता की मांग: सुरक्षा और कार्रवाई
रायपुर में बढ़ते अपराधों को लेकर जनता और सामाजिक संगठनों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। छत्तीसगढ़ में अपराध का यह बढ़ता आंकड़ा सरकार के लिए एक चुनौती बन चुका है। जनता उम्मीद कर रही है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस पर नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाएगा। नवंबर में विधानसभा थाना में हुए डबल मर्डर, पुरानी बस्ती में युवक को जिंदा जाने का मामला,, कोतवाली में अज्ञात लाश मिलने के मामले समेत अन्य मामलों को जोड़ा जाए तो नवंबर में 5 से 6 हत्याएं हो चुकी है या हिंसा में लोगों की जान गई है राजधानी में हो रही चाकू बाजी रेप ,लूट आंकड़े अलग है. यह जानकारी कुणाल शुक्ला के आवेदन पर 14 नवंबर को जन सूचना अधिकारी एवं उपपुलिस अधीक्षक रायपुर द्वारा दी गई है
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