बुराड़ी में मकानों को तोड़ने के आदेश से उबाल, हजारों लोगों के बेघर होने का डर

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके के झड़ौदा गांव में 800 मकानों को गिराने के कोर्ट के आदेश से हड़कंप मच गया है। इसके विरोध में सोमवार को लोग सड़कों पर उतर आए। स्थानीय लोगों की भारी भीड़ ने जीटी करनाल रोड, वजीराबाद हाईवे और आसपास की कई सड़कों को जाम कर दिया, इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। हंगामे की सूचना पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया। जाम के कारण ट्रैफिक पुलिस को कुछ इलाकों में डायवर्जन करना पड़ा। करीब तीन घंटे तक प्रदर्शनकारी सड़कों पर जमे रहे। देर शाम को प्रशासन की कोशिशों के बाद प्रदर्शनकारी सड़क से हटे, जिसके बाद यातायात सामान्य हुआ।

इस मामले में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि मनमाने तरीके से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। अगर सरकार को लगता है कि गलत तरीके से कब्जा करके मकान बनाए गए हैं तो फिर उन लोगों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने जमीन बेची है।

दरअसल, कोर्ट ने राजस्व विभाग को आदेश दिया है कि झड़ौदा गांव में खसरा नंबर 28 और 29 की जमीन को खाली कराकर उसे असली भूस्वामी को सौंपा जाए, इसलिए राजस्व विभाग ने जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन जिस जमीन को खाली कराना चाहता है, उस पर करीब 800 घर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां 30 से 40 वर्षों से बसे हुए हैं। अब अगर हमारे घरों को तोड़ा जाता हैं तो हम सड़क पर आ जाएंगे। वहीं, प्रशासन ने 19 नवंबर तक सभी मकान खाली करने को कहा है, वरना 20 नवंबर से तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

 दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश ममगई ने कहा कि जिन विभागों के पास इस जमीन का स्वामित्व रहा है। वे 1980 के दशक से अपनी जमीनों की सुरक्षा नहीं कर पाए हैं। जहां पर भी सरकारी जमीनों और कृषि भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है। उसके लिए इन विभागों के अधिकारी जिम्मेदार हैं।

इन सभी की जवाबदेही तय करते हुए इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों को परेशान करना उचित नहीं है। फिलहाल संबंधित विभाग सामान्य दर के अनुसार इन लोगों से रकम वसूले और घरों को नियमित करे। साथ ही लोगों के लिए ऐसे मामलों में स्थायी समाधान निकाले, जिससे उन्हें बेघर न किया जा सके।

प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों के कारण वाहन चालकों को जाम का सामना करना पड़ा। वजीराबाद में आउटर रिंग रोड पर करीब तीन घंटे तक जाम लगा रहा, जिसके चलते ट्रैफिक पुलिस को कुछ इलाकों में डायवर्जन करना पड़ा। हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे लोग पुलिस और प्रशासन के समझाने के बाद भी हटने को तैयार नहीं थे। देर शाम को प्रशासन की कोशिशों के बाद सड़क को खाली किया गया, जिसके बाद यातायात सामान्य हुआ।

 इस मामले में डीडीए का कहना है कि उसका इससे कोई लेना देना नहीं है। मकानों को तोड़ने का आदेश राज्य सरकार के लैंड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट की ओर से जारी किया गया है।

 

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